Sunday 18 April 2021

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 18 April, 2021

अनुसूचित जाति के ‘मल्लाह’ को ठग बता फँसे आमिर खान, कोर्ट ने थमाया ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ पर नोटिस

 अनुसूचित जाति के ‘मल्लाह’ को ठग बता फँसे आमिर खान, कोर्ट ने थमाया ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ पर नोटिस


बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान अपनी फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ में समुदाय विशेष की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के मामले में फँस गए हैं। इस केस में शिकायतकर्ता हंसराज चौधरी की पुनरीक्षण याचिका को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला जज मदनपाल सिंह ने अभिनेता आमिर खान समेत चार अन्य को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।

कोर्ट ने सभी आरोपितों को 24 मई को कोर्ट में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। साल 2018 में दीवाली के मौके पर रिलीज हुई ठग्स ऑफ हिंदोस्तान में आमिर खान के अलावा अमिताभ बच्चन, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख ने मुख्य भूमिका निभाई थी। हालाँकि, यह फिल्म पर्दे पर मुँह के बल गिरी थी। लेकिन, इसकी वजह से आमिर खान मुश्किल में फँस गए हैं।

जौनपुर के हरईपुर लाइन बाजार निवासी हंसराज चौधरी ने फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा, निर्देशक विजय कृष्णा और आमिर खान के खिलाफ परिवाद दायर किया है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि फिल्म में ‘मल्लाह’ जाति को ‘फिरंगी मल्लाह’ के नाम से संबोधित किया गया था। इससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुँची है। परिवादी ने दावा किया है कि फिल्म की टीआरपी बढ़ाने, मुनाफा कमाने के लिए दुर्भावना पूर्ण तरीके से फिल्म का ऐसा नाम रखा गया था। गौरतलब है कि मल्लाह समुदाय अनुसूचित जाति की कैटेगरी में आते हैं।

इसमें निषाद समाज को ‘फिरंगी’ और ‘ठग’ सिद्ध किया गया है। हालाँकि, मजिस्ट्रेट कोर्ट ने परिवाद को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि फिल्म सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाई जाती हैं। इसकी घटनाएँ और पात्र काल्पनिक होते हैं। बाद में जिला जज कोर्ट में बहस के बाद कोर्ट ने कहा कि परिवाद को अस्वीकृत करने के लिए कोई खास कारण या सबूतों का अभाव होना चाहिए, क्योंकि तलबी के स्तर पर सबूतों के मेटिकुलस परीक्षण नहीं हो सकता है।

इसमें निषाद समाज को ‘फिरंगी’ और ‘ठग’ सिद्ध किया गया है। हालाँकि, मजिस्ट्रेट कोर्ट ने परिवाद को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि फिल्म सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाई जाती हैं। इसकी घटनाएँ और पात्र काल्पनिक होते हैं। बाद में जिला जज कोर्ट में बहस के बाद कोर्ट ने कहा कि परिवाद को अस्वीकृत करने के लिए कोई खास कारण या सबूतों का अभाव होना चाहिए, क्योंकि तलबी के स्तर पर सबूतों के मेटिकुलस परीक्षण नहीं हो सकता है।

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